अनूकूला/मौक्तकमाला
आधार छन्द- अनुकूला/मौक्तिकमाला
(मापनीयुक्त वर्णिक)
वर्णिक मापनी- गालल गागा, लललल गागा
(कुल 11 वर्ण)
अथवा-
गालल गागा,ल ललल गागा
पिंगल सूत्र- भ त न ग ग (5-6)
ध्रुव शब्द- मन
पहला, चौथा, पाँचवाँ, दसवाँ और ग्यारहवाँ अक्षर गुरु और शेष लघु होते हैं तथा पाँचवें और छठें वर्ण पर यति होती है
211 22 111122
ग्यारह मोती यति गति धारे।
बोल लगें कोकिल सुर प्यारे।।
तान मुरारी तिक धिन धा धा।
पायलिया बाजत पग राधा।।
रे! ऋतु राजा तन मन झूमे।
यौवन छाया मधुकर घूमे।।
धेनु चराई जहँ गिरिधारी।
माथ धरूँ मैं रज ब्रज प्यारी।
स्यामल कान्हा रुकमणि गोरी।
फागुन रासी मृदुल किशोरी।।
बैन पिया के, मन भरमाये।
#नीलम नैना स्वपन सजायें।।
श्याम सलौने हृदय बसे हैं।
दर्श बिना ये विरह डसे है।।
सावन लागा हरित धरा है।
पावस मेघा नयन झरा है।।
नीलम शर्मा ✍️