अनुराधा पौडवाल तथा कविता पौडवाल द्वारा आदि शंकराचार्य द्वारा
अनुराधा पौडवाल तथा कविता पौडवाल द्वारा आदि शंकराचार्य द्वारा रचित पुस्तक सौंदर्य लहरी का पाठ
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17 नवंबर 2024 रविवार को मोदी फैक्ट्री परिसर, रामपुर में स्थित ग्लोबल हॉल में सायंकाल एक अद्भुत आयोजन हुआ। इसमें आदि शंकराचार्य द्वारा रचित “सौंदर्य लहरी” का पाठ प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल तथा कविता पौडवाल द्वारा किया गया।
रचना संस्कृत में थी, जिसका लिखित प्रारूप गायन के साथ-साथ स्क्रीन पर श्रोताओं को पढ़ने के लिए उपलब्ध कराया जा रहा था। उद्देश्य ग्रंथ-रचना से अधिकाधिक श्रोताओं को अवगत कराना था।
कार्यक्रम आरंभ होने से पूर्व आदि शंकराचार्य की जीवनी संक्षेप में स्क्रीन पर श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत की गई। विद्वानों ने सौंदर्य लहरी पर भी प्रकाश डाला। आयोजन कर्ता राजा ऋषि डॉक्टर भूपेंद्र कुमार मोदी तथा अन्य वक्ताओं ने बताया कि सौंदर्य लहरी संस्कृत में रचित आदि शंकराचार्य की प्रमुख भक्ति कृति है।
दंत कथाओं को स्मरण करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सौंदर्य लहरी में एक सौ श्लोक हैं। जब आदि शंकराचार्य भगवान शंकर और पार्वती से मिलने के लिए पर्वत पर गए, तब उन्हें भगवान शिव ने सौंदर्य लहरी पुस्तक भेंट की थी। लेकिन जब आदि शंकराचार्य वापस जाने लगे तो शिव के नंदी महाराज ने उन्हें रोक लिया तथा पुस्तक को फाड़ कर दो टुकड़े कर दिए। आदि शंकराचार्य पुनः भगवान शिव के पास गए। सारा वृत्तांत बताया। भगवान शंकर ने कहा कि पुस्तक के पहले भाग में 41 श्लोक हैं। वह भाग तुम ले जाओ। बाकी के 59 श्लोक तुम स्वयं रचना। आदि शंकराचार्य ने ऐसा ही किया। इस तरह सौंदर्य लहरी के प्रारंभिक 41 श्लोक भगवान शंकर द्वारा रचे गए हैं तथा बाद के 59 श्लोक आदि शंकराचार्य ने लिखे हैं।
सौंदर्य लहरी में गूढ़ भक्ति के भाव पिरोए गए हैं। इसमें त्रिपुर सुंदरी माता की शक्तियों और सौंदर्य का वर्णन है। कुंडलिनी जागरण तथा श्री यंत्र आदि विद्याओं का भी सूक्ष्म विवेचन है। मनमोहक प्रस्तुति के साथ सौंदर्य लहरी के पाठ ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ग्लोबल हॉल की छटा तथा विशालता भी दर्शनीय है। रामपुर के सार्वजनिक जीवन में सनातन के भाव को जागृत करने की दिशा में राजा ऋषि डॉक्टर भूपेंद्र मोदी के प्रयास सराहनीय हैं।
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लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451