Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jun 2017 · 1 min read

अनुराग

प्रणय स्नेह अनुरक्ति प्रेम और अनुराग
जीवन की बगिया खिलाते जैसे पुष्प पराग।

अनुराग है कण कण में,
अनुराग है जन्म मरण में।
अनुराग है नभ और थल में,
है अनुराग अग्नि और जल में।

अनुराग अलंकार जीवन का,
है अनुराग झंकार जीवन में।
अनुराग में उन्माद भरा है,
है अनुराग प्रसाद जीवन में।

अनुराग विवाद भी है और
है अनुराग संवाद जीवन में।
अनुराग श्रृंगार जीवन का,
है अनुराग से विस्तार जीवन में।

कभी अनुराग ज्वार है लाता,
तो कभी करता उद्धार जीवन में।
नीलम जो अनुराग अपनाले, तो
झंकृत हो झंकार जीवन में।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 1542 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विश्वास करो
विश्वास करो
TARAN VERMA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
मैं पत्थर की मूरत में  भगवान देखता हूँ ।
मैं पत्थर की मूरत में भगवान देखता हूँ ।
Ashwini sharma
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
The darkness engulfed the night.
The darkness engulfed the night.
Manisha Manjari
तस्मै श्री गुरवे नमः 🙏🙏
तस्मै श्री गुरवे नमः 🙏🙏
डॉ.सीमा अग्रवाल
*कागज की नाव (बाल कविता)*
*कागज की नाव (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भगवा रंग छाएगा
भगवा रंग छाएगा
Anamika Tiwari 'annpurna '
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
कवि रमेशराज
कर्मा
कर्मा
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
शेख रहमत अली "बस्तवी"
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
Shweta Soni
सूर्य की उपासना
सूर्य की उपासना
रुपेश कुमार
"अजीज"
Dr. Kishan tandon kranti
आप कभी 15% मनुवादी सोच को समझ ही नहीं पाए
आप कभी 15% मनुवादी सोच को समझ ही नहीं पाए
शेखर सिंह
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
4327.💐 *पूर्णिका* 💐
4327.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तुम खुशी देखते हों, मैं ग़म देखता हूं
तुम खुशी देखते हों, मैं ग़म देखता हूं
Keshav kishor Kumar
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
आज का वक्त कभी गुजरे
आज का वक्त कभी गुजरे
रेवा राम बांधे
देश की पहचान
देश की पहचान
Dr fauzia Naseem shad
अब शिक्षा का हो रहा,
अब शिक्षा का हो रहा,
sushil sarna
यही मेरे दिल में ख्याल चल रहा है तुम मुझसे ख़फ़ा हो या मैं खुद
यही मेरे दिल में ख्याल चल रहा है तुम मुझसे ख़फ़ा हो या मैं खुद
Ravi Betulwala
रास्तों पर चलते-चलते
रास्तों पर चलते-चलते
VINOD CHAUHAN
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अब मुझे महफिलों की,जरूरत नहीं रही
अब मुझे महफिलों की,जरूरत नहीं रही
पूर्वार्थ
आ
*प्रणय*
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
गले लगाना पड़ता है
गले लगाना पड़ता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...