अनुराग
प्रणय स्नेह अनुरक्ति प्रेम और अनुराग
जीवन की बगिया खिलाते जैसे पुष्प पराग।
अनुराग है कण कण में,
अनुराग है जन्म मरण में।
अनुराग है नभ और थल में,
है अनुराग अग्नि और जल में।
अनुराग अलंकार जीवन का,
है अनुराग झंकार जीवन में।
अनुराग में उन्माद भरा है,
है अनुराग प्रसाद जीवन में।
अनुराग विवाद भी है और
है अनुराग संवाद जीवन में।
अनुराग श्रृंगार जीवन का,
है अनुराग से विस्तार जीवन में।
कभी अनुराग ज्वार है लाता,
तो कभी करता उद्धार जीवन में।
नीलम जो अनुराग अपनाले, तो
झंकृत हो झंकार जीवन में।
नीलम शर्मा