अनुराग
दिल में अनुराग का राग हो
तो पांव के नीचे जमीन और
बाहों में आसमान हो
यह प्रीत का गीत जब
कोई गाये तो
सुने हर कोई
मन से भाये सभी को यह इतना कि
गुनगुनाये होठ बस बार बार
वही
दोहराते रहें इसे
उम्र भर और
एक पल को भी कभी
थके न कहीं
यह अनुराग का भाव पलता रहे
दिल के किसी कोने में
बदस्तूर
हर समय
आखिरी सांस तक तो
जिंदा रहे
जवान रहे
यह मन
उम्र के आखिरी पड़ाव तक भी।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001