न देख
इस चमकती रेत में मोजों की रवानी न देख
यह तो है सूखी नदी इसमें जरा पानी न देख
जिसकी झोली में दुआओं का भरा भंडार है
उसके दामन में कोई इक कौंड़ी कानी न देख
अजनबी शहरों में तो हमदर्द भी मिल जाएंगे
रहनुमा को देख केवल दुश्मन जानी न देख
दान देने के लिए मन की अमीरी चाहिए
यह लगी है भीड़ इसमें नामवर दानी न देख
सत्पुरुष की जिंदगी साहित्य का एक ग्रंथ है
इसको पूरा देख महज कुछ कहानी न देख
वक़्ते आफत में तुझे जो मिल गया सो ठीक है
इसमें न पकवान ऊंचे और गुड़ धानी न देख
तन तो मिट जाता यहां आत्मा नहीं मरती कभी
जो अमर हैं उनको अपने आप से फ़ानी न देख