अनुपम कृति
माटि चानर रत्न छींटै उजियारा
श्यामल-श्यामल गंगा कमला अनुपम धारा
माय आँखि हर्षित नोर जल
माटि केर लाल अनुपम कृति
सोन जरित देव भूमि विख्याता
राजा जनक जानकी स्वसा
पावन पवित्र धरती माता
जग जग जानैत अनुपम कृति
ऐसन नगर ऐसन सभ नगरी
आनो केर पाहुन मानि जकरी
प्रेम सभ्यता संस्कार शिक्षा
नत मुण्ड अनुपम कृति
बाबा अंगना आबि जतऽ
जगेश्वर तन-मन छमकत
क्रोध मन कहैए सिमटि
याज्ञवल्क्य,यात्री,दिनकर,रेणू,अनुपम कृति
बौद्ध तीर्थ उद्योत मे करू स्वागत
ज्ञान इजोत मे घर आँगन
महर्षि मेंही दिव्य शक्ति प्रभा
बैद्यनाथ भू कण-कण पावन
जतऽ स्पर्श सँ देव मिलै
नित इतिहास मे अनुपम कृति
मस्तक हिमगिरि मुकुट चान सन
नित नयन नभ पुष्प बरखा
भारती मण्डन,सिरहपा,अयाची,कालिदास
संस्कार ज्ञान गढ़ अनुपम कृति
धन्य-धन्य सहज सफल तप जनम
पाओल पाहुन राम छायांकित छाया
जय-जय आंचर मे कृति रचैत लाल,
धन्य-धन्य वसुंधरा कहु अनुपम कृति
मौलिक एवं स्वरचित
© श्रीहर्ष आचार्य