Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

अनुगामी

प्रेम होते ही अनुगामी हो जाना संभव नहीं,
हर बात में सहमत ही हो जाना संभव नहीं।

जीवन के तार सप्तक में जब सुर ही न लगे,
रुँधे कंठ से मधुर गीत गुनगुनाना संभव नहीं।

गुमनाम गलियों में कोई अदृश्य ही हो जाए,
उस गुमशुदा की रिपोर्ट लिखवाना संभव नहीं।

बंद हैं विवेक की किवाड और खिड़कियाँ,
ठंडी हवा के झोकों का आना संभव नहीं।

चेहरे पर छा जाएँ जब उदासी के साए,
ख़ूबसूरत सी तस्वीर बनवाना संभव नहीं।

डॉ दवीना अमर ठकराल ‘देविका’

96 Views
Books from Davina Amar Thakral
View all

You may also like these posts

बेशक कितने ही रहें , अश्व तेज़तर्रार
बेशक कितने ही रहें , अश्व तेज़तर्रार
RAMESH SHARMA
2488.पूर्णिका
2488.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
शोख़ दोहे :
शोख़ दोहे :
sushil sarna
मौज-मस्ती
मौज-मस्ती
Vandna Thakur
मेरे पिता क्या है ?
मेरे पिता क्या है ?
रुपेश कुमार
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
अपना रिश्ता नाता
अपना रिश्ता नाता
Sudhir srivastava
ग़ज़ल _मुहब्बत के मोती , चुराए गए हैं ।
ग़ज़ल _मुहब्बत के मोती , चुराए गए हैं ।
Neelofar Khan
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
परनिंदा या चुगलखोरी अथवा पीठ पीछे नकारात्मक टिप्पणी किसी भी
परनिंदा या चुगलखोरी अथवा पीठ पीछे नकारात्मक टिप्पणी किसी भी
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" वतन "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मित्रता
मित्रता
डॉ. शिव लहरी
आसान होते संवाद मेरे,
आसान होते संवाद मेरे,
Swara Kumari arya
पगड़ी सम्मान
पगड़ी सम्मान
Sonu sugandh
एक दोस्त है...
एक दोस्त है...
Abhishek Rajhans
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
Neelam Sharma
🙅आज का विज्ञापन🙅
🙅आज का विज्ञापन🙅
*प्रणय*
मन्नतों के धागे होते है बेटे
मन्नतों के धागे होते है बेटे
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
मानने लगें स्वार्थ को प्रमुख
मानने लगें स्वार्थ को प्रमुख
Acharya Shilak Ram
सैनिक
सैनिक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सजना है मुझे सजना के लिये
सजना है मुझे सजना के लिये
dr rajmati Surana
कुछ राहें ऐसी भी ...
कुछ राहें ऐसी भी ...
MUSKAAN YADAV
गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो।
गमों के बीच मुस्कुराने की आदत डालो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
मायूसियों से निकलकर यूँ चलना होगा
VINOD CHAUHAN
It's not about just a book...!!
It's not about just a book...!!
पूर्वार्थ
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४)
Kanchan Khanna
एक सड़क जो जाती है संसद
एक सड़क जो जाती है संसद
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
कोई गज़ल गा दीजिए
कोई गज़ल गा दीजिए
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
Loading...