अनसोई कविता…………
अनसोई कविता…………
कभी देखे हैं
अनसोई कविताओं के चेहरे
अँधेरे में टटोटलना
मेरे साँझ से कपोलों पर
रुकी कविताओं के
सैलाब नज़र आएँगे
छू कर देखना
उसमें आहत
अनसोई कविताओं के चेहरे
बेनकाब
नज़र आएँगे
सुशील सरना/
अनसोई कविता…………
कभी देखे हैं
अनसोई कविताओं के चेहरे
अँधेरे में टटोटलना
मेरे साँझ से कपोलों पर
रुकी कविताओं के
सैलाब नज़र आएँगे
छू कर देखना
उसमें आहत
अनसोई कविताओं के चेहरे
बेनकाब
नज़र आएँगे
सुशील सरना/