अनलाक दोहे- राना लिधौरी
दोहा- “लाकडाउन-अनलाक”
लाकडाउन तो खुल गया,
हो गय अब आजाद।
गिरमा तोडे जा रये,
किसे करे फरियाद।।
बिना मास्क के घूमते,
निर्भय होके आज।
कोरोना जो हो गया,
मिले न कोइ इलाज।।
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©-राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
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