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11 Oct 2024 · 1 min read

अनमोल रतन

कुंडलिया

करते सारे याद हैं, टाटा जी को आज।
एक रतन अनमोल थे, जग करता है नाज़।
जग करता है नाज़, काम अद्भुत थे सारे।
भारत के वे मान, सभी जन-मन के प्यारे।
जीवन भर वे देख, रहे दुख सबका हरते।
नम सबकी हैं आंख, नमन सब उनको करते।

डाॅ. सरला सिंह “स्निग्धा”
दिल्ली

1 Like · 11 Views
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