अनमोल जीवन
अनमोल जीवन
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अनमोल है ये जीवन,
रखना जरा संभाल कर।
कदम न लड़खड़ाना,
तू चलना ऐसे जानकर।
//1//
विपदा ये कैसी आई,
दुख के जो बदरा छाई।
मची है हाहाकार,
चुप्पी है ये सरकार।
आया जो है कोरोना,
सबका हुआ है रोना।
हौसला से ही मानव ,
पक्का ही जीत होना।
योग करना निशदिन,
तन मन को ये संभाल कर।
कदम न लड़खड़ाना,
तू चलना ऐसे जानकर।
//2//
ब्राम्हण को न करना दान,
डॉक्टर के कहना मान।
सेवा करे जतन से,
वही असली है भगवान।
जीवन में एक दिन सबको,
आना है और जाना।
मत करना तू घमंड जी,
काया का क्या ठिकाना।
हौसला सदा तू रखना,
जीवन को धैर्य धारकर।
कदम न लड़खड़ाना,
तू चलना ऐसे जानकर।
★★★★★★★★★
स्वरचित©®
डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
छत्तीसगढ़(भारत)