अनपढ़ क्यों है खरा
क्या क्या लिखकर भेजा है,
देखो पढ़कर भेजा भरने भेजा है,
हैं जो अनपढ़ वे ही सुनते हैं.
कहते भी हैं, बहुत खरा-खरा,
जिस किसी को भी अखरा,
वह ही जस् उतरा उतना खरा.
पढ़कर भी जो पढ़े नहीं
पढ़े हैं, जो तोलते क्यों नहीं,
देखकर भी विरोध करते क्यों नहीं,
तुम निरक्षर हो आदिल हो.
आदमी बड़े काबिल हो,
ये पहचाना क्यों नहीं,
पहचाना तो जाना क्यों नहीं.
पृष्ठ पलटने नहीं.
मुझसे पूछते हो.
क्या क्या लिखकर भेजा है,