Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2024 · 2 min read

#अनंत_चतुर्दशी-

#अनंत_चतुर्दशी-
■ अनंत प्रभु की उपासना का पर्व
【प्रणय प्रभात】
भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी अर्थात अनंत चतुर्दशी। भगवान श्री अनंत यानि प्रभु श्री हरि (क्षीर सागर में शेष शैया पर शयन मुद्रा में विराजित श्रीमन्नारायण) की उपासना का विशेष पर्व। भगवान श्री हरि को हम श्री नारायण, विष्णु, रमापति, चक्रपाणि, चतुर्भुज आदि नामों से भी जानते व पुकरते हैं। अनंत व अनादि मानते हैं। श्री रामचरित मानस में “हरि अनंत, हरि कथा अनंता” वाली अर्द्धाली भी यही सिद्ध करती है।
अपनी नाभि से ब्रह्मा को उत्पन्न करने वाले भगवान श्री हरि ही हैं, जो राम, कृष्ण, नृसिंह, वामन, वराह, मत्स्य, कच्छप, मोहिनी, परशुराम, बुद्ध आदि का रूप धारण कर धरा-धाम पर आते रहे। पीड़ित साधुता व मानवता को अभय बनाने व आसुरी शक्तियों का संहार करने के लिए। पौराणिक मान्यता के अनुसार कलिकाल के चरम पर भगवान कल्कि के रूप में अवतरित भी प्रभु श्री हरि ही होंगे। इसी भारत भूमि पर, उत्तर-प्रदेश के सम्भल नगर में। जिसे आज कल्कि-धाम के रूप में मान्य भी कर लिया गया है।
सनातनी पर्व-विधान व व क्षेत्रीय परम्पराओं के अनुसार इस पूजन पर्व की अलग-अलग विधियां हैं। जिनमें पूजन के दौरान बांह पर पीले रंग से रंगा हुआ सूती धागा रक्षा-सूत्र के रूप में बांधना प्रमुख है। इसके साथ ही आटा व गुड़ से निर्मित “रोट” काहे नैवेद्य अर्पित करने का भी प्रावधान है। पूजन के अवसर पर अन्य पर्वों की तरह कथा भी सुनी व सुनाई जाती है। सामूहिक पूजन महिलाएं ही करती हैं।
इस पर्व का महत्व एक और कारण से बढ़ जाता है। वह है अतिथि रूप में चतुर्थी से घर, दुकान, मंदिर व दरबार में विराजित भगवान श्री गणराज की विदाई का। इसी दिन विशेष पूजा-अर्चना के साथ श्री गणपति जी की प्रतिमाओं को जलधाराओं में विसर्जित किया जाता है। अगले वर्ष पुनः पधारने की भावपूर्ण मनुहार व जय-जयकार के साथ।
आज इस पुनीत पर्व पर समस्त हरि-भक्तों को हार्दिक बधाई व शुभ-मंगल की मंगलकामनाएं। इस उद्घोष के साथ- “गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया।।”
😊😊😊😊😊😊😊😊😊
-सम्पादक-
●न्यूज़&व्यूज़●
(मध्य-प्रदेश)

1 Like · 15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मै अकेला न था राह था साथ मे
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
पत्थर के फूल
पत्थर के फूल
Dr. Kishan tandon kranti
एक ही आसरौ मां
एक ही आसरौ मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
Monika Arora
"साधक के गुण"
Yogendra Chaturwedi
हर पिता को अपनी बेटी को,
हर पिता को अपनी बेटी को,
Shutisha Rajput
सुनाओ मत मुझे वो बात , आँसू घेर लेते हैं ,
सुनाओ मत मुझे वो बात , आँसू घेर लेते हैं ,
Neelofar Khan
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
मां शारदा की वंदना
मां शारदा की वंदना
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
कुछ तो पोशीदा दिल का हाल रहे
Shweta Soni
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
23/86.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/86.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विशाल अजगर बनकर
विशाल अजगर बनकर
Shravan singh
चक्रवृद्धि प्यार में
चक्रवृद्धि प्यार में
Pratibha Pandey
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
सपने देखने का हक हैं मुझे,
सपने देखने का हक हैं मुझे,
Manisha Wandhare
अधर मौन थे, मौन मुखर था...
अधर मौन थे, मौन मुखर था...
डॉ.सीमा अग्रवाल
नशे का घूँट पीकर के तो मंथन कर नहीं सकती
नशे का घूँट पीकर के तो मंथन कर नहीं सकती
अंसार एटवी
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
Surya Barman
रंगों का महापर्व होली
रंगों का महापर्व होली
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
आज हैं कल हम ना होंगे
आज हैं कल हम ना होंगे
DrLakshman Jha Parimal
अजीब बात है
अजीब बात है
shabina. Naaz
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
നിശാഗന്ധി.
നിശാഗന്ധി.
Heera S
बड़ा सा आँगन और गर्मी की दुपहरी मे चिट्ठी वाले बाबा (डाकिया)
बड़ा सा आँगन और गर्मी की दुपहरी मे चिट्ठी वाले बाबा (डाकिया)
पूर्वार्थ
ये बात भी सच है
ये बात भी सच है
Atul "Krishn"
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
Ranjeet kumar patre
हम सब एक दिन महज एक याद बनकर ही रह जाएंगे,
हम सब एक दिन महज एक याद बनकर ही रह जाएंगे,
Jogendar singh
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
कार्तिक नितिन शर्मा
Loading...