अनंत नभ के नीचे,
अनंत नभ के नीचे,
अपनी गति से चलता है,
निरंतर असफल प्रयास
से जो नहीं ठहरता है।
जो अश्रु नहीं, लहु पीता है,
वही जीता है।
अनंत नभ के नीचे,
अपनी गति से चलता है,
निरंतर असफल प्रयास
से जो नहीं ठहरता है।
जो अश्रु नहीं, लहु पीता है,
वही जीता है।