अध्यापक हैं ढेर
टीचर तो हैं कम यहाँ, अध्यापक हैं ढेर।
नेता जी न समझ सके, यह भाषा का फेर।
यह भाषा का फेर, बना इक संकट भारी।
कहन लगे हैं लोग, करो अब फिर तैयारी।
लो कापी औ पेन, यही बदलेगा फीचर।
कर लो भाषा ज्ञान, यही कहता इक टीचर।
✍️जटाशंकर”जटा”
टीचर तो हैं कम यहाँ, अध्यापक हैं ढेर।
नेता जी न समझ सके, यह भाषा का फेर।
यह भाषा का फेर, बना इक संकट भारी।
कहन लगे हैं लोग, करो अब फिर तैयारी।
लो कापी औ पेन, यही बदलेगा फीचर।
कर लो भाषा ज्ञान, यही कहता इक टीचर।
✍️जटाशंकर”जटा”