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26 Aug 2022 · 1 min read

अध्यापक हैं ढेर

टीचर तो हैं कम यहाँ, अध्यापक हैं ढेर।
नेता जी न समझ सके, यह भाषा का फेर।
यह भाषा का फेर, बना इक संकट भारी।
कहन लगे हैं लोग, करो अब फिर तैयारी।
लो कापी औ पेन, यही बदलेगा फीचर।
कर लो भाषा ज्ञान, यही कहता इक टीचर।
✍️जटाशंकर”जटा”

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