अध्यापकों का स्थानांतरण (संस्मरण)
अध्यापकों का स्थानांतरण (संस्मरण)
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अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों को चयन के उपरांत प्रथम नियुक्ति जिस जनपद में भी मिलती है वहां वह कार्यभार ग्रहण कर लेते हैं। कारण यह है की नौकरी बड़े प्रयत्न से मिलती है और घर से कई बार सैकड़ों किलोमीटर दूर होने के बाद भी कार्यभार ग्रहण करना इसीलिए मजबूरी हो जाता है। एक बार कार्यभार ग्रहण करने के बाद अध्यापक इस प्रयास में रहते हैं कि उनके गृह जनपद में घर के आस-पास कहीं किसी विद्यालय में स्थान रिक्त हो और वह वहां चले जाएं।
सुन्दरलाल इंटर कॉलेज,रामपुर के प्रबंधक के रूप में बहुत से अध्यापकों को उनके गृह जनपद में भेजने में मुझे बहुत प्रसन्नता का अनुभव हुआ । हमारे यहां किसी ने भी जाने की इच्छा प्रकट की तो हमारी शुभकामनाएं उनके साथ रहीं और विभिन्न जनपदों में जाने के बाद भी उनसे थोड़ा बहुत संपर्क रहता है ।
इस पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा गौरवशाली पक्ष यही है कि मैं यह बात बहुत आत्म संतोष और स्वाभिमान के साथ कह सकता हूं कि जितने भी अध्यापक सुन्दरलाल इंटर कॉलेज से स्थानांतरित होकर विभिन्न जनपदों में गए हैं, वह अपने साथ हमारे विद्यालय की एक साफ-सुथरी,सेवाभावी और सदाचार पर आधारित प्रबंधकीय छवि लेकर गए हैं। सार्वजनिक जीवन में जितना भी साफ-सुथरी व्यवस्थाओं के लिए हम योगदान दे सकते हैं ,वह हमें देना चाहिए।
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लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451