अधूरे ख़्वाब
कुमाऊं का मौसम हमेशा से सुहावना रहता था। यहाँ की ताजी हवा, ऊँचे-ऊँचे पेड़, और छोटे-छोटे घर इसे किसी स्वर्ग जैसा बनाते थे। इस कस्बे में ही नीलम और आदित्य का बचपन बीता था। दोनों का घर पास-पास था, और बचपन में ही उनकी दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि लोग उन्हें एक-दूसरे के बिना कभी नहीं देखते थे।
नीलम, एक मासूम और प्यारी लड़की थी। उसकी बड़ी-बड़ी आँखें और लंबे घुंघराले बाल उसकी मासूमियत को और भी बढ़ाते थे। जब वह मुस्कुराती, तो उसकी मुस्कान में एक अद्भुत चमक होती थी। आदित्य, उसके ठीक उलट, एक चुलबुला और नटखट लड़का था, जो हमेशा शरारतों में लगा रहता था। लेकिन नीलम के सामने वह हमेशा शांत और समझदार बना रहता था, क्योंकि वह उसकी हर बात को बड़े ध्यान से सुनती थी।
दोनों का बचपन खेलते-कूदते बीता। कुमाऊं की पहाड़ियों पर वे दोनों अक्सर चढ़ते, दूर-दूर तक फैली हरियाली को निहारते, और भविष्य के सपने बुनते। आदित्य अक्सर कहता, “नीलम, जब हम बड़े हो जाएंगे, तब भी हम यहीं रहेंगे, साथ-साथ।”
समय के साथ दोनों बड़े हो गए, और उनके बीच की दोस्ती ने एक नए रूप में आकार लेना शुरू किया। किशोरावस्था में प्रवेश करते ही नीलम और आदित्य के दिल में एक अजीब-सी बेचैनी होने लगी। अब वे एक-दूसरे को देखते, तो उनकी आँखों में एक नई चमक होती। वे दोनों इस नए एहसास से घबराए हुए थे, पर इसे अनदेखा भी नहीं कर सकते थे।
एक दिन, जब दोनों पहाड़ी की चोटी पर बैठे थे, नीलम ने धीरे से आदित्य का हाथ पकड़ लिया। उसके चेहरे पर हल्की सी शर्म और झिझक थी। आदित्य ने उसकी ओर देखा, उसकी आँखों में भी वही भाव थे। नीलम ने धीरे से कहा, “आदित्य, क्या तुमने कभी सोचा है कि हम बड़े होकर क्या करेंगे?”
आदित्य ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा, नीलम।” नीलम की आँखों में आँसू आ गए, पर वह मुस्कुरा रही थी। यह उनकी पहली बार थी जब उन्होंने अपने दिल की बात एक-दूसरे से कही।
समय के साथ, उनकी पढ़ाई के लिए उन्हें शहर जाना पड़ा। नीलम को एक बड़े शहर में दाखिला मिला, जबकि आदित्य को किसी अन्य जगह जाना पड़ा। अब वे दूर-दूर हो गए थे, लेकिन उनके दिल एक-दूसरे के लिए धड़कते रहे।
शहर की तेज़ रफ्तार जिंदगी ने नीलम के लिए सब कुछ बदल दिया। वह अब एक नई दुनिया में थी, जहाँ उसे नई चीजें सीखनी थीं। लेकिन उसके दिल में आदित्य की यादें हमेशा जिंदा रहीं। वह उसे फोन करती, पर आदित्य की आवाज़ में अब वह पहले वाली गर्मी नहीं थी। वह अक्सर कहता, “नीलम, मैं थोड़ा व्यस्त हूँ। बाद में बात करते हैं।”
नीलम के दिल में एक अजीब-सी बेचैनी बढ़ती गई। उसे लगता था कि कहीं कुछ गलत हो रहा है, पर वह समझ नहीं पा रही थी कि क्या।
एक दिन, नीलम के पास एक अजनबी नंबर से फोन आया। वह एक लड़की थी, जिसने खुद को आदित्य की दोस्त बताया। उसने नीलम को बताया कि आदित्य किसी और से प्यार करने लगा है और वह उसे छोड़ना चाहता है। नीलम का दिल टूट गया। उसे विश्वास नहीं हुआ, पर उसने आदित्य से पूछा।
आदित्य ने चुपचाप यह बात स्वीकार कर ली। उसकी आवाज़ में कोई भावनाएँ नहीं थीं। “नीलम, मैं अब तुम्हारे साथ नहीं रह सकता। मेरा जीवन अब अलग दिशा में जा रहा है।” नीलम के दिल में एक अजीब-सी खामोशी फैल गई। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है। नीलम ने अपने आपको काम में डुबो दिया, लेकिन उसके दिल में आदित्य की यादें कभी धुंधली नहीं हुईं। वह वापस कुमाऊं लौट आई, जहाँ उसने अपने बचपन के दिनों की खुशियों को फिर से जीने की कोशिश की।
एक दिन, जब वह अपने पुराने घर के पास की पहाड़ी पर गई, तो उसे वही जगह मिली, जहाँ उसने आदित्य का हाथ पकड़ा था। वह वहाँ बैठ गई और अपने आँसू नहीं रोक पाई। तभी, उसे अचानक किसी के पैरों की आहट सुनाई दी। उसने पीछे मुड़कर देखा, तो वहाँ आदित्य खड़ा था, उसकी आँखों में वही पुरानी चमक थी। “नीलम,” आदित्य ने धीरे से कहा, “मैंने बहुत बड़ी गलती की। मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता। मैंने तुम्हें बहुत चोट पहुँचाई, लेकिन मैंने कभी तुम्हें भुला नहीं पाया।”
नीलम के चेहरे पर दर्द और आश्चर्य का मिश्रण था। उसकी आँखों में आँसू थे, पर वह कुछ कह नहीं पा रही थी।
आदित्य ने आगे बढ़कर उसका हाथ पकड़ लिया। “क्या तुम मुझे माफ़ कर सकती हो, नीलम?” उसकी आवाज़ में गहराई और पछतावा था।
नीलम ने एक पल के लिए सोचा, फिर उसने अपना हाथ खींच लिया। “आदित्य,” उसने धीमी आवाज़ में कहा, “तुम्हारे जाने के बाद मैं बहुत बदल गई हूँ। तुम्हारी यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी, लेकिन मैं अब इस दर्द को और नहीं सह सकती। मुझे आगे बढ़ना होगा।”
आदित्य ने उसकी बात सुनी, उसकी आँखों में आँसू थे। वह जानता था कि उसने नीलम को बहुत दर्द दिया है। “मैं समझता हूँ, नीलम। लेकिन मैं हमेशा तुम्हें प्यार करता रहूँगा।”
नीलम वहाँ से चली गई, और आदित्य वहीं खड़ा रह गया, उसकी आँखों में नीलम की एक झलक हमेशा के लिए कैद हो गई। नीलम ने एक नए जीवन की शुरुआत की, लेकिन उसकी यादों में आदित्य का नाम हमेशा बसा रहा।
*****