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20 Aug 2019 · 1 min read

अधूरी है जिन्दगी

अपनों की यादोँ सेे भरी है*
जिंदगी
सुख और दुःख कि पहेली है
जिंदगी
कभी अकेले बैठ कर
विचार कर तो देखो
मौत के बगैर अधूरी है जिंदगी​✍?​

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

1 Like · 211 Views
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