अधूरा सफ़र
कल तक मैं बुरा नहीं था
जाने आज कैसे बुरा हो गया
देखा था मिलकर जो उसके साथ
वो ख़्वाब भी अधूरा हो गया
सुना है अब वो बदल गया है
क्यों वो फूल भी अब छुरा हो गया है
जाने कैसे संग जीवन बिताने का
ख़्वाब भी उसके लिए बुरा हो गया है
उसके बिन है मुश्किल जीना मेरा
फिर भी वो मुझे अकेला छोड़ गया
जिसमें रखा था मैंने प्यार से उसे
वो उस दिल को ही तोड़ गया
हम फिर भी उसकी ख़ुशी में खुश है
वो जो हमको तन्हा छोड़ गया
और जाकर मेरे जीवन से दूर बहुत
मेरे जीवन का रुख़ मोड़ गया
है नहीं कोई आस आने की उसके
ये दिल भी अब ये बात मान गया
इश्क़ के दरिया में कूदने का
क्या हो सकता है अंजाम,जान गया
मिला था जितना सुकून इश्क़ में
मेरे लिए तो वही काफ़ी हो गया
याद करके उन हसीन लम्हों को
मेरा तो पूरा जीवन ही कट गया
दर्द में भी सुकून मिलता है इश्क़ में
इस बात का मुझे अहसास हो गया
मरहम की ज़रूरत नहीं पड़ती तुम्हें
यादों का पिटारा ही बाम हो गया।