अधूरा प्रयास
अधूरा प्रयास
चलता रहेगा कारवां रोको नहीं कदम…
उम्मीद होगी ज्यादा ना ख्वाहिशें होगी कम… कितनी मुसीबतें, तुम्हारी राह में आए…
फिर भी कभी ना तुम्हारी चाह में आए…
लड़कर ही बनेगी जिंदगी, सत्यम ,शिवम, सुंदरम… उम्मीद होगी…
तन्हा नहीं हो तुम सच साथ में रहेगा…
मंजिल तुम्हें मिलेगी, सब हाथ में रहेगा
झुकना नहीं तुमको , हो कितनी रंजो गम …
उम्मीद होगी …
दुश्वारियां हो जितनी भी जिंदादिली रहे
जुल्मों सितम हो जब भी ना हम कभी सहे…
करना ना कभी आंखों को आंसुओं में नम…
उम्मीद होगी ज्यादा ना ख्वाहिशें होंगी कम…
स्वरचित कविता
सुरेखा राठी