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1 Dec 2024 · 1 min read

“अधूरा गीत” ग़ज़ल/गीतिका

सब भुलाया, था ज़माने ने, सिखाया जितना,
मरहबा उसका, था उसने भी, निभाया जितना।

उसी का रंग, चढ़ गया था इस क़दर मुझपे,
याद आया वो उतना, उसको भुलाया जितना l

गीत गाता है, अधूरा सा, मिरे इश्क़ का वो,
सुना सभी ने वही, उस ने सुनाया जितना।

मुझ पे इल्ज़ाम लगा कर है ख़ुश, क़ातिल मेरा,
सब ने जाना वही, था उसने बताया जितना।

दिन हैं कटते भले ही ज़ीस्त के अब भी हरगिज़,
वक़्त तो वो था, उसके साथ, बिताया जितना।

अब न “आशा”, न निराशा, न ग़म, ख़ुशी भी नहीं,
दर्द , अपनों से, मिल चुका है, पराया जितना।

अना थी, खो गई, महबूब को, पाते-पाते,
बचा वजूद वही, उसमें समाया जितना..!

अना # अहंकार, ego
ज़ीस्त # ज़िन्दगी, life

##———##———##——–##

4 Likes · 3 Comments · 34 Views
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
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