Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

अधूरा इश्क

अधूरा इश्क

आज भी जलता ज़हन तपती आग में है।
जलते चिराग को हरदम देखते खाब में है।
न भुला सका दिल यादें इश्क के दौर की,
वो हसीं लम्हें कैद दिल-ओ-दिमाग में है।

खाब तो देखे थे हसीन यारो, उसको पाना अधूरा खाब था।
इश्क अधूरा था बेशक मेरा, जितना भी था लाजवाब था।।

हर पल वो दिल को बड़ा धड़काती थी,
उसकी आँखें इश्क करना सिखाती थी।
डूब गया था जब मैं इश्क के दरिया में,
तब वही मुशक्कत करके मुझे बचाती थी।

मरहम उसने भी बखूब लगाया, बेशक गहरा घाव था।
इश्क अधूरा था बेशक मेरा, जितना भी था लाजवाब था।।

इश्क करते हर वक्त मुझे आगाह किया,
न जाने उसने क्यों ऐसा गुनाह किया?
बेवफा उसे कहुँ भी तो कहुँ कैसे?
चंद घड़ी ही सही प्रेम उसने बेपनाह किया।

उसने वफा बखूब निभाई, बेशक दिल्लगी का अभाव था।
इश्क अधूरा था बेशक मेरा, जितना भी था लाजवाब था।।

सावन वो लाई; बहारों को उसने लाया,
प्रेम वारिश से उसने रोम-रोम नहलाया।
की वफा उसने हर पल इश्क में यारो,
पर किस्मत ने कभी गले न लगाया।।

बेवफा तो तू था ‘भारती’, इश्क का दौर भी खराब था।
इश्क अधूरा था बेशक मेरा, जितना भी था लाजवाब था।।
–सुशील भारती, नित्थर, कुल्लू (हि.प्र.)

52 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुशील भारती
View all
You may also like:
बड़ा सरल है तोड़ना,
बड़ा सरल है तोड़ना,
sushil sarna
राम रहीम और कान्हा
राम रहीम और कान्हा
Dinesh Kumar Gangwar
3494.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3494.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
दिन ढले तो ढले
दिन ढले तो ढले
Dr.Pratibha Prakash
आफत की बारिश
आफत की बारिश
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
अरशद रसूल बदायूंनी
जिंदगी को बोझ मान
जिंदगी को बोझ मान
भरत कुमार सोलंकी
आजाद लब
आजाद लब
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
Dr Mukesh 'Aseemit'
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
पुरखों की याद🙏🙏
पुरखों की याद🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है,
बरसात का मौसम तो लहराने का मौसम है,
Neelofar Khan
जो हमें क़िस्मत से मिल जाता है
जो हमें क़िस्मत से मिल जाता है
Sonam Puneet Dubey
जी हां मजदूर हूं
जी हां मजदूर हूं
Anamika Tiwari 'annpurna '
ज़िंदगी का फ़लसफ़ा
ज़िंदगी का फ़लसफ़ा
Dr. Rajeev Jain
सच तो आज कुछ भी नहीं हैं।
सच तो आज कुछ भी नहीं हैं।
Neeraj Agarwal
हमारे साथ खेलेंगे नहीं हारे वो गर हम से
हमारे साथ खेलेंगे नहीं हारे वो गर हम से
Meenakshi Masoom
I hope you find someone who never makes you question your ow
I hope you find someone who never makes you question your ow
पूर्वार्थ
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
manjula chauhan
आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)
आजादी (स्वतंत्रता दिवस पर विशेष)
पंकज कुमार कर्ण
फौजी की पत्नी
फौजी की पत्नी
लक्ष्मी सिंह
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
Shreedhar
"अनन्त "
Dr. Kishan tandon kranti
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
ग़र हो इजाजत
ग़र हो इजाजत
हिमांशु Kulshrestha
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
🙅आज का दोहा🙅
🙅आज का दोहा🙅
*प्रणय*
Loading...