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21 Nov 2021 · 1 min read

अधुरापन

मेरे महबूब!
एहसास मेरे पास है,
अल्फ़ाज़ ही नहीं
अल्फ़ाज़ तेरे पास हैं
एहसास ही नहीं
फिर क्यों न
हम दोनों मिलकर
एक-दूसरे को
मुक्कमल कर दें!!
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#romanticrebelpoet

Language: Hindi
316 Views
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