** अधपको फळ **
बण अध्यापक आयो
जिण अधपको फळ
रसाकसी पकणे री चाली
पण
समय सूं पैली कियां पके
आ बात समझण में नी
आई
पर-सिम्पल साब रे म्हारे
समझ अणसमझ र राय दीनी
थे बाबू जी सूं ट्यूशन कर ल्यो
पण हुतो अधपको अध्यापक
आ बात निगे ना करी
टाबरियां रो हाको सुण
पर-सिम्पल साब बोल्या
थे आये दिन समस्यावां घड़ दो
लिखूं लो मैं पीथळ री भांति
डा-रेक्ट साब ने पाती
अधपक्योड़ा रांधे है छाती
मैं बोल्यो -टेम सयाणों कोनी साब
तोड़ो क्यूं अधपके ने
पकण दो पुरो तो फळ ने
फिर आप गिर जावेगो
चढ़ो ना तोड़न री ख़ातिर
गिर जाओगा शिक्षा शाखा सूं
अर फूट जावेगा गोडा
चेत्या स्याणा साब जद
बण अध्यापक आयो
जिण अधपको फळ ।।
?मधुप बैरागी