अदृश्य शत्रु से जंग
अदृश्य शत्रु से जंग जारी है ।
ऐंसी देखी नहीं बीमारी है ।।
न अस्त्र चले न शस्त्र चले ,
न चले किसी का जोर ।
इक दूजे से दूर रहो और ,
घर में रहो पुरजोर ।।
बाहर न निकले जिसे गर ,
जान स्वयं की प्यारी है ।
ऐंसी देखी नहीं बीमारी है ।।
मुँह में मास्क लगाओ ,
अपने हाथ धोओ कई बार ।
मन में मत कमजोरी रक्खो ,
तन से बने रहो दमदार ।।
हौंसलो से सब मिलकर के ,
जीतेंगे तब तो बलिहारी है ।
ऐंसी देखी नहीं बीमारी है ।।