अदा-ए-यार
हमारा प्यार भी कभी जो किस्सा बन जाता है
अगर यार को रिश्ता प्यार का निभाना आता है ।।
?मधुप बैरागी
मेरे महबूब को देखो कभी नजरे झुकाता है
कभी नजरे उठाता है कभी दिल को चुराता है ।।
?मधुप बैरागी
कभी वो मुस्कुराता है कभी गुनगुनाता है
लिहाजे-शर्म से जब वो घूंघट उठाता है ।।
?मधुप बैरागी