अतीत
ख़ुद के लिए एक अनजानी सी कहानी हो गया हूं मै,
या तो खुद को खो दिया या खुद को भूल गया हूं मैं,
हर पल अतीत के भंवर में फस सा जाता हूं,
खुद को कल बनाने के लिए आज मिटाता हूं,
है सब साथ मेरे बस कोई मेरा मीद नहीं,
उम्मीद है तो गर कोई उम्मीद नहीं,
अब जब अतीत में जागकर अभी सो गया हूं मैं, तब
ख़ुद के लिए एक अनजानी सी कहानी हो गया हूं मै,
या तो खुद को खो दिया या खुद को भूल गया हूं मैं,
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️राज सेजवार