Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2023 · 1 min read

अतीत

अतीत के पलों में भी जिंदगी होती हैं।
बस मुस्कुराती या उदास सी होती हैं।

सच और झूठ फरेब अतीत के पन्ने होते हैं।।
आज कल हम सभी हकीकत बस कहते हैं।

लम्हे तेरी यादों के मेरे आज भी अतीत बनते हैं।
तुम आज मेरी नज़र न बनी फिर भी सोचते हैं।

सच तो अतीत भी हम सभी के जीवन में रहता हैं।
बस कुछ भूल गए कुछ यादगार बन जाते हैं।

हां सच हमारे तुम्हारे चाहत के भी जो अतीत हैं।
आज भी दिलों में जिंदा धड़कन बने धड़कते हैं।

रंगमंच के किरदार में हम सभी के अतीत होते हैं।
बस कुछ सच और रहस्य के साथ साथ जीते हैं।

सच अतीत जिंदगी में जरुरत हमसफ़र की होती है।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*सरल हृदय श्री सत्य प्रकाश शर्मा जी*
*सरल हृदय श्री सत्य प्रकाश शर्मा जी*
Ravi Prakash
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बुंदेली हास्य मुकरियां
बुंदेली हास्य मुकरियां
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रिश्ते रेशम डोर से,
रिश्ते रेशम डोर से,
sushil sarna
.
.
*प्रणय*
जीवन
जीवन
Santosh Shrivastava
.......,,,
.......,,,
शेखर सिंह
देहरीहीन दौर
देहरीहीन दौर
पूर्वार्थ
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
Shashi kala vyas
"रहबर"
Dr. Kishan tandon kranti
बेवजह की नजदीकियों से पहले बहुत दूर हो जाना चाहिए,
बेवजह की नजदीकियों से पहले बहुत दूर हो जाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमेशा आगे
हमेशा आगे
surenderpal vaidya
सबकी सुन सुन के, अब में इतना गिर गया ।
सबकी सुन सुन के, अब में इतना गिर गया ।
Ashwini sharma
दिल-ए-मज़बूर ।
दिल-ए-मज़बूर ।
Yash Tanha Shayar Hu
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
अपने सपनों के लिए
अपने सपनों के लिए
हिमांशु Kulshrestha
3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
निकाल देते हैं
निकाल देते हैं
Sûrëkhâ
मेरे सनम
मेरे सनम
Shiv yadav
**वो पागल  दीवाना हो गया**
**वो पागल दीवाना हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
घाव करे गंभीर
घाव करे गंभीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बेख़बर
बेख़बर
Shyam Sundar Subramanian
बेवकूफ
बेवकूफ
Tarkeshwari 'sudhi'
स्नेह
स्नेह
Shashi Mahajan
गर्मी
गर्मी
Dhirendra Singh
खुद की एक पहचान बनाओ
खुद की एक पहचान बनाओ
Vandna Thakur
अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज)
अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज)
VINOD CHAUHAN
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
Dr fauzia Naseem shad
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak
Dr Arun Kumar shastri ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
Loading...