अतीत
अतीत के पलों में भी जिंदगी होती हैं।
बस मुस्कुराती या उदास सी होती हैं।
सच और झूठ फरेब अतीत के पन्ने होते हैं।।
आज कल हम सभी हकीकत बस कहते हैं।
लम्हे तेरी यादों के मेरे आज भी अतीत बनते हैं।
तुम आज मेरी नज़र न बनी फिर भी सोचते हैं।
सच तो अतीत भी हम सभी के जीवन में रहता हैं।
बस कुछ भूल गए कुछ यादगार बन जाते हैं।
हां सच हमारे तुम्हारे चाहत के भी जो अतीत हैं।
आज भी दिलों में जिंदा धड़कन बने धड़कते हैं।
रंगमंच के किरदार में हम सभी के अतीत होते हैं।
बस कुछ सच और रहस्य के साथ साथ जीते हैं।
सच अतीत जिंदगी में जरुरत हमसफ़र की होती है।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र