अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
फ़ुरसत में हर शख़्श
अपनी यादों की दराजों को
एक बार
खोलता जरूर है
अपने गुजरे उम्र के
हर अलग “शेल्फों” में
रखीं हुई किताबों से
समय की धूल हटा
सारे ”गुजरे चैप्टरों” के पन्नों को
टटोलता – जरूर है“