*अटूट बंधन*
अटूट बंधन
छोटा सा प्यारा सा हम सबका लाडला,
आज हो गया इतना बड़ा,
खड़ा है तैयार ले जाने को बारात।
ताऊ ताई, मामा मामी, बुआ और फूफा,
ढेर सारे भाई भाभी, बहनें और जीजा।
सभी की लेकर अनंत आशीषें,
चले सभी नाचते गाते खुशी से।
लाने को हमारी प्यारी दुल्हन को,
बन गया देखो बेटा आज दूल्हा।
अभी तक स्वच्छंद थे जो अपने गगन में,
चल पड़े बंधने को एक नए बंधन में।
अभी तक जुड़े थे खून के रिश्तों से,
आज जुड़ेंगे एहसासों के रिश्तों से।
सुना है अटूट होता है यह बंधन,
अनुभव कहता है बड़ा नाजुक है यह बंधन।
प्रेम और विश्वास की डोर से जुड़ता है यह रिश्ता,
पर प्रेम और विश्वास नहीं हैं Instant Noodles.
पल- दिन- वर्षों में बढ़ता है यह रिश्ता,
जुड़ जाओ, झुक जाओ, कभी चुप हो जाओ,
यही तो गुर है इस अटूट बंधन का।।।
आभा पाण्डेय