अटल मालवीय जयंती
न्योछावर जिसने कर डाला,
तन मन राष्ट्र की सेवा में,
जिसने देश हित गवाँ दी,
सांसों को अपनी रेवा में,
उनको शत-2 नमन हैं करते,
उनको शीश झुकाते हैं,
अटल मालवीय महापुरुषों की,
जयंती आज मनाते हैं।
एक जागृति कविता लिखे,
युवाओं को जगाने को,
दूजे ने शिक्षा स्तंभ बनाया,
तम को दूर भगाने को।
उनके कृत्यों के आगे हम,
नतमस्तक हो जाते हैं।
अटल मालवीय महापुरुषों की,
जयंती आज मानते हैं।
जिनके अदम्य साहस के आगे,
दुश्मन भागा करते थे।
जिनकी सादगी की गाथा,
जन जन सब गाते थे।
उनके आदर्शों को हम,
अपना आदर्श बनाते हैं,
अटल मालवीय महापुरुषों की,
जयंती आज मानते हैं।
संसद में अपनी वाणी से,
जनहित सेवा करते थे।
अपने ज्ञान पुंज से जग का,
जो अंधियारा हरते थे।
आज उन किरण दूत को,
हम सब फिर गोहराते हैं,
अटल मालवीय महापुरुषों की,
जयंती आज मनाते हैं।
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अशोक शर्मा,कुशीनगर,उ.प्र.