Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2023 · 1 min read

*अज्ञानी की कलम*

अज्ञानी की कलम
कोप अपना दिखा दीजिये।
भौंयें सबकी चड़ा दीजिये।।
गाल गुब्बारें हो जायगा-
मन्द मुस्कान दिखा दीजिये।।
तुम करारा हो मेरी म़च़ल
उजड़े चमन खिला दीजिये।।
ये तोहमतें ये सिखातें मेरी
जग जाहिर दिखा दीजिये।।
तिल का ताड़ राई के महल
दिखा दुनिया को दिजिये।
वामन घी देत नरयातें है
देवों को होम लगा दीजिये।
एक दिन सबको ख़ाक होना ही है,
मधुर गान सुना दीजिये।।
ज़िन्दगी चार दिन की वन्दे
नेकी के कार्य तो किजिये।।
अज्ञानी ज्ञान की गंगा तो बहा,
भव से पार उतार दिजिये।।

*जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
झांसी बुन्देलखण्ड*

189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आपकी यादें
आपकी यादें
Lokesh Sharma
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
तेरा साथ है कितना प्यारा
तेरा साथ है कितना प्यारा
Mamta Rani
आईने में ...
आईने में ...
Manju Singh
जीना सिखा दिया
जीना सिखा दिया
Basant Bhagawan Roy
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
जगदीश शर्मा सहज
*
*"कार्तिक मास"*
Shashi kala vyas
हे राम ।
हे राम ।
Anil Mishra Prahari
3062.*पूर्णिका*
3062.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी तेरे नाम हो जाए
जिंदगी तेरे नाम हो जाए
Surinder blackpen
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
The_dk_poetry
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
कैसी दास्तां है
कैसी दास्तां है
Rajeev Dutta
मजदूर हूँ साहेब
मजदूर हूँ साहेब
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
शब्द : एक
शब्द : एक
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
माँ बाप बिना जीवन
माँ बाप बिना जीवन
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
राम प्यारे हनुमान रे।
राम प्यारे हनुमान रे।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
अब ना होली रंगीन होती है...
अब ना होली रंगीन होती है...
Keshav kishor Kumar
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
बिखरा
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
"आशिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अपनी बुरी आदतों पर विजय पाने की खुशी किसी युद्ध में विजय पान
अपनी बुरी आदतों पर विजय पाने की खुशी किसी युद्ध में विजय पान
Paras Nath Jha
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
आप हँसते हैं तो हँसते क्यूँ है
Shweta Soni
पहले प्रत्यक्ष को
पहले प्रत्यक्ष को
*प्रणय प्रभात*
ऐसा कभी क्या किया है किसी ने
ऐसा कभी क्या किया है किसी ने
gurudeenverma198
मुहब्बत
मुहब्बत
बादल & बारिश
Loading...