*अज्ञानी की कलम*
अज्ञानी की कलम
न अजय करजोर, न देखो जगत में सपना।
खुशहाली हरओर,आत्म से मिलन हो अपना।।
जीवन रस घोल करो, कठिन परिश्रम घनघोर।
मन से आत्मा की बांधों डोर राम राम रटना।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•
अज्ञानी की कलम
न अजय करजोर, न देखो जगत में सपना।
खुशहाली हरओर,आत्म से मिलन हो अपना।।
जीवन रस घोल करो, कठिन परिश्रम घनघोर।
मन से आत्मा की बांधों डोर राम राम रटना।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•