*अज्ञानी की कलम*
अज्ञानी की कलम
नही कोई किसी के संग में जलें हैं।
जैसे अस्तीनों में सांप पलें हैं।।
न जग में कोई संग देगा तुम्हारा।
राम ही काम आये यूं संग चलें हैं।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•
अज्ञानी की कलम
नही कोई किसी के संग में जलें हैं।
जैसे अस्तीनों में सांप पलें हैं।।
न जग में कोई संग देगा तुम्हारा।
राम ही काम आये यूं संग चलें हैं।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•