*अज्ञानी की कलम*
अज्ञानी की कलम
विध्नेश्वर को श्रद्धा से नमन कर।
बुद्धि विधाता के चरणों में रुझान कर।।१।।
पथिक पार्थवी अथक प्रयास कर।
पाता वहीं जो कठिन न्यास कर।।२।।
जन्म दात्री मां का ध्यान किया कर।
रूखी सूखी मिलें प्रेम से खाये कर।।३।।
जीव धन्य हो सत्य संगति पाये कर।
करलो कर्म कछु नेकी कमाये कर।।४।।
खूब बुजुर्ग गये हैं समझाये कर।
मधुर वाणी हर्षित जन हर्षाए कर।।५।।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झांसी उ•प्र•