Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Ashwini Jha
9 Followers
Follow
Report this post
29 Nov 2021 · 1 min read
अज्ञात
चिदाकाश में व्याप्त…
अदृश्य, एकरस, अज्ञात…
‘रसो वै सः’
•••
Language:
Maithili
Tag:
कविता
Like
Share
1 Like
·
1 Comment
· 359 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
आवारा
Shekhar Chandra Mitra
गाँव में फिर
Arun Prasad
सबसे दूर जाकर
Chitra Bisht
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
"बात सौ टके की"
Dr. Kishan tandon kranti
झूठा तन का आवरण,
sushil sarna
हम लहू आशिकी की नज़र कर देंगे
Dr. Sunita Singh
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
अनिल "आदर्श"
सभी प्रकार के घनाक्षरी छंद सीखें
guru saxena
वैदिक काल का सत्य
Dr. Vaishali Verma
यूं न इतराया कर,ये तो बस ‘इत्तेफ़ाक’ है
Keshav kishor Kumar
*देना प्रभु जी स्वस्थ तन, जब तक जीवित प्राण(कुंडलिया )*
Ravi Prakash
नही रहेगा मध्य में, दोनों के विश्वास
RAMESH SHARMA
झूठा प्यार।
Sonit Parjapati
महात्मा ज्योतिबा राव फुले
डिजेन्द्र कुर्रे
इस पार मैं उस पार तूँ
VINOD CHAUHAN
"संक्रमण काल"
Khajan Singh Nain
जहां की रीत
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
हम चले थे पथिक बनकर,सैर करने दुनिया की l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
कवि रमेशराज
हार मैं मानू नहीं
Anamika Tiwari 'annpurna '
जिंदगी भर की कहानी यही है
Shweta Soni
हर पीड़ा को सहकर भी लड़के हँसकर रह लेते हैं।
Abhishek Soni
..
*प्रणय*
मै ज़िन्दगी के उस दौर से गुज़र रहा हूँ जहाँ मेरे हालात और मै
पूर्वार्थ
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
Neeraj Agarwal
"बहनों के संग बीता बचपन"
Ekta chitrangini
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
व़ुजूद
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...