अजब तेरी कहानी कागज
क्या लिखूं
तेरे बारे में कागज
जितना लिखूं
उतना है कम कागज
बचपन बीता
नाव बना पानी में
बहाते तुझे कागज
तो कभी हवाई जहाज बना
उडते सपनों में कागज
पढते लिखते जवान हुआ
मैं ऐ कागज
प्रेम पत्रों का
आवागमन किया
फिर तूने कागज
शादी में निमंत्रण का
आधार बना तू कागज
पैसा कमाने में सहयोगी
बना तू कागज
बाईबल कुरान गीता
रामायण लिखी गई
तूझे पर कागज
मानवता का संदेशा
देता है ऐ कागज
छोटे बड़े समझौते
प्यार मुहब्बत
सब का गवाह बनता है
तू कागज
है कितनी विडम्बना
जब हो जीवन का अंत
मृत्यु की पहचान बनता है
ऐ कागज
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव
भोपाल