*अजनबी*
हजारो सवालो में उलझी सी जिंदगी,
कहे अनकहे जज्बातों में सिमटी सी बंदगी,
ये वक़्त की हुई कैसी नाराज़गी,
मिले तो जिंदगी और बिछड़े तो अजनबी।।।
हजारो सवालो में उलझी सी जिंदगी,
कहे अनकहे जज्बातों में सिमटी सी बंदगी,
ये वक़्त की हुई कैसी नाराज़गी,
मिले तो जिंदगी और बिछड़े तो अजनबी।।।