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1 Jul 2020 · 1 min read

जान पहचान

तुम पास से गुजरे
तो चेहरे पर हल्की मुसकुराहट बस फैलने को थी

तुम्हे भावहीन पाकर

आंखे सिकुड़ कर
तुम्हे अपरिचित बनाने मे जुट गई।

अब ये अजनबीयत कायम रहेगी

तुम्हारी चुप्पी टूटने तक।

जान पहचान गर है तो ये रोज की जहमत जरूरी है

तुम्हारी तरफ से भी।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 322 Views
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