Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Nisha Garg
18 Followers
Follow
Report this post
3 May 2020 · 1 min read
अजनबी
❤
इश़्क ताउम्र अजनबी ही रहे तो अच्छा है
अहमियत खो देती हैं मंजिलें पास आने के बाद
??
Language:
Hindi
Tag:
ग़ज़ल/गीतिका
Like
Share
2 Likes
· 345 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
"दुनिया को दिखा देंगे"
Dr. Kishan tandon kranti
शाम हो गई है अब हम क्या करें...
राहुल रायकवार जज़्बाती
आज कल कुछ लोग काम निकलते ही
शेखर सिंह
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
हे मेरे प्रिय मित्र
कृष्णकांत गुर्जर
कभी खामोशियां.. कभी मायूसिया..
Ravi Betulwala
सरयू
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सज्ज अगर न आज होगा....
डॉ.सीमा अग्रवाल
" कृष्णक प्रतीक्षा "
DrLakshman Jha Parimal
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
Bodhisatva kastooriya
*टमाटर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"अगली राखी आऊंगा"
Lohit Tamta
कहाँ तक जाओगे दिल को जलाने वाले
VINOD CHAUHAN
हे कृष्ण कई युग बीत गए तुम्हारे अवतरण हुए
Saraswati Bajpai
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
4756.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
sushil sarna
बाग़ी
Shekhar Chandra Mitra
ग़ज़ल
Neelofar Khan
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
शिव प्रताप लोधी
बुंदेली दोहे-फतूम (गरीबों की बनियान)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रिश्ते फीके हो गए
पूर्वार्थ
सोचा ना था
Swami Ganganiya
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता
कवि दीपक बवेजा
पास अपने
Dr fauzia Naseem shad
सूनी आंखों से भी सपने तो देख लेता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हरगिज़ नहीं
Mahender Singh
त्राहि त्राहि
Dr.Pratibha Prakash
स्वार्थ
Neeraj Agarwal
Loading...