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14 Oct 2020 · 1 min read

अजनबी क्या कोई सगा होगा

अजनबी क्या कोई सगा होगा
इतना तो आपको पता होगा

पहले वो आपका हुआ होगा
बाद में आपको छला होगा

रोज़ इसको अगर कुरेदोगे
ज़ख़्म ये रोज़ ही हरा होगा

बाद में लोग जुट गये होंगे
वो अकेला मगर चला होगा

जब गवाही सही नहीं होगी
क्या सही फिर ये फ़ैसला होगा

कुछ बढ़ाओ क़दम ज़रा आगे
बैठकर सोचने से क्या होगा

अश्क़ आँखों से फिर गिरे होंगे
नाम पानी पे जब लिखा होगा

हिचकियों से मिला इशारा ये
याद उसने भी कर लिया होगा

सच तो ‘आनन्द’ सच रहेगा ही
तोड़कर आइना भी क्या होगा

– डॉ आनन्द किशोर

4 Likes · 1 Comment · 199 Views
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