Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2023 · 1 min read

अछूत….

अछूत….

1 Like · 493 Views
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all

You may also like these posts

अदब में रहें
अदब में रहें
अनिल कुमार निश्छल
मुकर्रम हुसैन सिद्दीकी
मुकर्रम हुसैन सिद्दीकी
Ravi Prakash
बदनाम
बदनाम
Neeraj Agarwal
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
ऊ बा कहाँ दिलदार
ऊ बा कहाँ दिलदार
आकाश महेशपुरी
जिंदगी में आते ही है उतार चढाव
जिंदगी में आते ही है उतार चढाव
shabina. Naaz
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
पोषण दर्द का
पोषण दर्द का
पंकज परिंदा
As I grow up I realized that life will test you so many time
As I grow up I realized that life will test you so many time
पूर्वार्थ
॥ संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥
॥ संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुक्ति कैसे पाऊं मैं
मुक्ति कैसे पाऊं मैं
Deepesh Dwivedi
हम तो मर गए होते मगर,
हम तो मर गए होते मगर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दोहा पंचक. . . प्रयास
दोहा पंचक. . . प्रयास
sushil sarna
अस्तित्व
अस्तित्व
इंजी. संजय श्रीवास्तव
चार दिन की जिंदगानी है यारों,
चार दिन की जिंदगानी है यारों,
Anamika Tiwari 'annpurna '
दिल में छुपे अलग से दर्द की कहानी,
दिल में छुपे अलग से दर्द की कहानी,
Kanchan Alok Malu
ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी,
ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी,
डी. के. निवातिया
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
gurudeenverma198
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
दहेज एक समस्या– गीत
दहेज एक समस्या– गीत
Abhishek Soni
काली एली अंगना
काली एली अंगना
उमा झा
ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी,
ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी,
ओसमणी साहू 'ओश'
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।
AJAY AMITABH SUMAN
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए..
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए..
Manisha Manjari
23/176.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/176.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सांस्कृतिक संक्रांति
सांस्कृतिक संक्रांति
Laxmi Narayan Gupta
सम वर्णिक छन्द
सम वर्णिक छन्द " कीर्ति "
rekha mohan
ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
Neelofar Khan
"सपने"
Dr. Kishan tandon kranti
- छल कपट -
- छल कपट -
bharat gehlot
Loading...