अच्छे बच्चे
अच्छे बच्चे पढ़ते-लिखते
बिल्कुल नहीं झगड़ते हैं।
आसमान से तारे तोड़ें
सफल सीढ़ियाँ चढ़ते हैं।
खेलकूद में अव्वल रहते
समय से करते सारे काम।
नित्य सुबह शाला को जाते
जग में खूब कमाते नाम।।
मात-पिता की बातें मानें
करें बड़ों का भी सम्मान।
मिलजुलकर रहते हैं सबसे
छोटों का रखते हैं ध्यान
पढ़ना-लिखना बड़े भी बनना
पर मत करना तुम अभिमान।
सदा भाव अच्छे ही रखना
खोना नहीं कभी ईमान।।
विजय बेशर्म