अच्छी तरह मैं होश में हूँ
अच्छी तरह मैं होश में हूँ , चाहे कुछ नशा है मुझको।
मौज मस्ती के लिए पी है, सब कुछ मालूम है मुझको।।
अच्छी तरह मैं होश में हूँ ——————-।।
मत कहो मुझसे यह बात, मेरी हकीकत क्या है।
कौन हूँ मैं इस बस्ती में, मेरी हैसियत क्या है।।
कुछ भी नहीं भूला हूँ मैं, सब कुछ याद है मुझको।
मौज मस्ती के लिए पी है, सब कुछ मालूम है मुझको।।
अच्छी तरह मैं होश में हूँ ——————–।।
ऐसी बात नहीं है यारों, कि मैं नहीं चाहता जीना।
भूल गया हूँ मैं खुद को, होकर किसी का दीवाना।।
बर्बाद होना नहीं चाहता, खुद से प्यार है मुझको।
मौज मस्ती के लिए पी है, सब कुछ मालूम है मुझको।।
अच्छी तरह मैं होश में हूँ ——————-।।
कुछ भी मैं निराश नहीं हूँ , इन मुसीबतों- गम से।
मुझको पूरा यकीन है, मुलाकात होगी मंजिल से।।
किसको यहाँ नहीं है नशा, क्यों करते हैं बदनाम मुझको।
मौज मस्ती के लिए पी है, सब कुछ मालूम है मुझको।।
अच्छी तरह मैं होश में हूँ ——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)