Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2020 · 1 min read

अच्छी ख़बर दोगे क्या?

मैने देखा है जो कुछ भी वो कम तो नहीं,
नज़रंदाज कर सकूं एसी नज़र दोगे क्या?

माना है बेहद काँटों से भरी जिंदगी मेरी,
सारे काँटे बदलकर फूल कर दोगे क्या?

आदी हूँ आए दिन अशुभ समाचारों का ,
क्या तुम कोई अच्छी ख़बर दोगे क्या?

बहुत आसान था बागा़न को विरान करना,
उजड़े घोंसलें को उनका बशर दोगे क्या?

चलो भूला देगें सब एक सपना समझकर,
है शर्त पुराना मेरे सपनों का घर दोगे क्या?

जख्म़ नया ही सही लाइलाज है जनाब!
दवा या दुआ का कोई असर दोगे क्या?

मुझे मुहब्बत नहीं रही ए जिंदगी! तुझसे,
दे सको गर तो थोड़ा सा ज़हर दोगे क्या?
-शशि “मंजुलाहृदय”

4 Likes · 1 Comment · 383 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🚩अमर कोंच-इतिहास
🚩अमर कोंच-इतिहास
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
कण कण में है श्रीराम
कण कण में है श्रीराम
Santosh kumar Miri
सियासी खबरों से बचने
सियासी खबरों से बचने
*प्रणय प्रभात*
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हिन्दी की गाथा क्यों गाते हो
हिन्दी की गाथा क्यों गाते हो
Anil chobisa
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
कवि रमेशराज
आपके स्वभाव की सहजता
आपके स्वभाव की सहजता
Dr fauzia Naseem shad
आदत से मजबूर
आदत से मजबूर
Surinder blackpen
यक्ष प्रश्न
यक्ष प्रश्न
Mamta Singh Devaa
प्रयास जारी रखें
प्रयास जारी रखें
Mahender Singh
दोस्त न बन सकी
दोस्त न बन सकी
Satish Srijan
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
Arghyadeep Chakraborty
कृष्ण कन्हैया
कृष्ण कन्हैया
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हुकुम की नई हिदायत है
हुकुम की नई हिदायत है
Ajay Mishra
प्रेम जब निर्मल होता है,
प्रेम जब निर्मल होता है,
हिमांशु Kulshrestha
जहाँ करुणा दया प्रेम
जहाँ करुणा दया प्रेम
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
उर्वशी की ‘मी टू’
उर्वशी की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अमृत वचन
अमृत वचन
Dinesh Kumar Gangwar
कलम , रंग और कूची
कलम , रंग और कूची
Dr. Kishan tandon kranti
दीप ऐसा जले
दीप ऐसा जले
Kumud Srivastava
आजकल स्याही से लिखा चीज भी,
आजकल स्याही से लिखा चीज भी,
Dr. Man Mohan Krishna
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
लक्ष्मी सिंह
*शब्द*
*शब्द*
Sûrëkhâ
2849.*पूर्णिका*
2849.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़ा हिज्र -हिज्र करता है तू ,
बड़ा हिज्र -हिज्र करता है तू ,
Rohit yadav
जब से मेरे सपने हुए पराए, दर्द शब्दों में ढलने लगे,
जब से मेरे सपने हुए पराए, दर्द शब्दों में ढलने लगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
Phool gufran
” सबको गीत सुनाना है “
” सबको गीत सुनाना है “
DrLakshman Jha Parimal
Loading...