अच्छा ही किया तूने
अच्छा ही किया तूने दौरे खिजां में हमसे नाता तोड़ लिया।
मेरे पास सिवा गम के क्या था तूने गम से नाता तोड़ लिया।।
अच्छा ही किया……..
हमको क्या खबर थी ये बारिश मेरे घर में आग लगाएगी।
इस दिल की लगी में किसी रोज़ मेरी दुनियाँ जल जाएगी।
फूलों की रंगत बढ़ती है इन पर शबनम की बूंदों से
फूलों को वफ़ा ना रास आयी शबनम से नाता तोड़ लिया।।
अच्छा ही किया………
कुछ लोग जहां में ऐसे भी हमदम पे इनायत करते हैं।
गैरों से मोहब्बत करते हैं अपनों से अदावत करते हैं।
खैरात प्यार की माँगी तो माँग भी मेरी ठुकरा दी
देखी जो मुफ़लिसी हमदम की हमदम से नाता तोड़ लिया।।
अच्छा ही किया………
अच्छे या बुरे जैसे भी हैं कुछ रोज़ यूँ ही कट जाएंगे।
दिल अनमोल लुटा ही चुके अब डर कैसा लुट जाएंगे।।
तोड़ीं कसमें तोड़ा वादा, देखा दिल का मौसम सादा
रंगीला फागुन मिला तुम्हें मौसम से नाता तोड़ लिया।।
अच्छा ही किया…….
#संजय नारायण