अच्छा लगता है
बस क्या बोलू अच्छा लगता है…
अच्छा लगता है जब तू मुस्काती है
अच्छा लगता है जब तू इठलाती है
अच्छा लगता है जब तू गीत गुनगुनाती है
अच्छा लगता है जब तेरी आँखें बतलाती है
अच्छा लगता है ख्वाबों में तेरा यूँ आना
अच्छा लगता है तेरा ख़ुशी से चहचहाना
अच्छा लगता है जब तू हक़ जताती है
अच्छा लगता है जब तू दिन की बातें बताती है
अच्छा लगता है तेरी आँखों में डूब जाना
अच्छा लगता है तेरे रुख से सारा ज़माना
अच्छा लगता है जब नींद में भी तू आती है
अच्छा लगता है जब तू बेबाक इश्क़ जताती है
तेरी बातों से निकली बातें भी अच्छी
तेरी आदाओं का अल्हड़पन भी अच्छा
तेरी मुस्कान से निकली ईशा भी अच्छी
तेरी आँखों से चढ़ा नशा भी अच्छा
तेरा बुरा भी अच्छा
तेरा अच्छा भी अच्छा
तेरा झूठा भी अच्छा
तेरा सच्चा भी अच्छा
तेरा क्रोध भी अच्छा
तेरा प्रेम भी अच्छा
तेरी मासूमियत भी अच्छी
तेरा नटखटपन भी अच्छा
तेरा हर भाव ही अच्छा लगता है
तेरा तो स्वाभाव ही अच्छा लगता है
अच्छा लगता है जब दिल तुझे याद करता है
अच्छा लगता है जब मन तेरा ज़िक्र करता है
अच्छा लगता है जब तेरे बारे में लिखता हूँ
अच्छा लगता है जब तेरा चिंतन करता हूँ
तेरा मेरी कविता में होना अच्छा लगता है
तुझे सोच होश खोना अच्छा लगता है
शब्दों में बयां न कर सकता कितना अच्छा लगता है
बस क्या बोलू अच्छा लगता है…. बस अच्छा लगता है