अच्छा रहता
#दिनांक:-1/10/2023
#शीर्षक:-अच्छा रहता ।
किसी से दिल ना लगता तो अच्छा रहता,
किसी के लिए ना धड़कता तो अच्छा रहता।
चुलबुली ना बन शान्त रहता तो अच्छा रहता,
ख्वाहिशें ना जगाता तो अच्छा रहता ,
ख्याब हसीन दिन-रात ना दिखाता तो अच्छा रहता ।
कोई गैर ,
गैर ही रहता तो अच्छा रहता,
हैरान दिल परेशान ना होता तो अच्छा रहता ,
बेदर्द दर्द ये गम ना रहता तो अच्छा रहता ।
आँख हरदम नम ना रखता तो अच्छा रहता,
मुहब्बत से मुहब्बत ना होती तो अच्छा रहता ।
रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिकार सुरक्षित है।
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई