अच्छा मित्र कौन ? लेख – शिवकुमार बिलगरामी
जीवन में मित्रों की बहुत अधिक अहमियत है। मित्र हमारा एकाकीपन बांटते हैं और अवसाद के क्षणों में हमें संबल प्रदान करते हैं । जो बातें हम अपने मित्रों के साथ शेयर कर सकते हैं वह अन्य किसी के साथ नहीं। कभी-कभी मित्रवत भाई बहनों के साथ हम दिल खोल कर बातें कर सकते हैं लेकिन भाई बहनों से मित्रवत संबंध बहुत कम होते हैं …और भाई बहन कितने भी मित्रवत हों लेकिन फिर भी उनसे बात करने में वह सहजता महसूस नहीं होती जो मित्रों के साथ होती है। सच्चे और अच्छे मित्र आपकी हर मुश्किल में साथ खड़े रहते हैं।
लेकिन प्रश्न यह उठता है कि अच्छे और सच्चे मित्र मिलें कैसे ? इसके लिए आवश्यक है कि आप पहले अपने आप को अच्छी तरह से समझें। अपने स्वभाव को समझें , अपनी आदतों को जानें । मित्रता अधिक प्रगाढ़ और दीर्घकालिक उन्हीं लोगों के साथ संभव है जिनका स्वभाव आपके स्वभाव से मेल खाता है । आप कला प्रेमी हैं तो कला प्रेमी से आपका तालमेल बेहतर बैठ सकता है । आप विज्ञान प्रेमी है तो विज्ञान प्रेमी से आपका तालमेल बेहतर बैठ सकता है। लेकिन समान रुचि का होना बेहतर तालमेल की गारंटी नहीं है। फिर भी व्यक्ति विशेष की आदतें और स्वभाव बहुत महत्व रखते हैं।
आजकल सोशल मीडिया का ज़माना है । लोग फेसबुक , इंस्टाग्राम , व्हाट्सएप , यूट्यूब और इसी तरह के तमाम अन्य डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से आप से जुड़ते हैं । यदि सोशल डिजिटल माध्यमों से कोई व्यक्ति आप के संपर्क में आता है तो आप उसकी प्रोफाइल चेक कर सकते हैं । प्रोफाइल चेक करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह व्यक्ति बहुत अधिक नकारात्मक सोच वाला अथवा प्रतिक्रियावादी तो नहीं है । उसकी भाषा का स्तर क्या है । बात बात में वह अपशब्द और निम्न स्तरीय भाषा का प्रयोग तो नहीं करता है ? उसकी कोई खास वैचारिक प्रतिबद्धता भी आपके लिए मुसीबत बन सकती है। इसलिए आप उसकी प्रोफाइल पर इन सब चीजों की बारीकी से जांच करें । कई बार हमें भ्रम होता है कि अमुक व्यक्ति कथाकार , साहित्यकार , पत्रकार अथवा कवि /कवयित्री है तो उससे जुड़ना हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी और हम एक श्रेष्ठ बुद्धिजीवी का साथ पाकर बेहतर अनुभव करेंगे । उससे अपने लेखन और विचारों को साझा कर अच्छा मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे । यदि आप ऐसा सोचते हैं तो आप ग़लत भी हो सकते हैं । कभी किसी ऐसे धोखे में न आएं । इस तरह के तथाकथित बुद्धिजीवी बहुत घटिया दर्जे के इंसान हो सकते हैं । यह अपना जीवन बर्बाद करने के साथ साथ दूसरों का जीवन भी बर्बाद कर देते हैं । यही बात कलाकारों और दूसरे व्यवसायियों के बारे में सच है ।
अब प्रश्न उठता है कि अच्छा मित्र कैसे बनाएं। अगर आप वयस्क हैं तो अपना मित्र बनाते समय कुछ बातों को सदैव ध्यान में रखें । मित्रता सदैव शालीन , शांत और सभ्य व्यक्तियों से करें । ऐसे व्यक्ति को मित्र बनाना सोने पर सुहागा के समान है जिसका sense of humour बहुत अच्छा हो , लेकिन अपनी चर्चा में वह कभी किसी पर व्यक्तिगत कटाक्ष न करता हो । इसके अतिरिक्त वह व्यक्ति आपके भावों को समझने की क्षमता रखता हो। कई बार हम ऐसी स्थितियों में होते हैं जब हमारे मुंह से शब्द नहीं निकलते लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ घुमड़ रहा होता है । अच्छा मित्र वही है जो आपकी भावनाओं को समझे और उनका सम्मान करे ।