-: अच्छा बनना बहुत बुरा है :-
अच्छा बनना बहुत बुरा है
जीवन के समरांगण में
नियत है खोटी, बोली मीठी
पाप छुपा है कण कण में
अच्छा बनना बहुत बुरा है
जीवन के समरांगण मे ।।
यहां लालची लोभी पलते
तीर छिपाकर तरकश में
विश्वासों का गला घोंटते
आस दिलाकर क्षण क्षण में
अच्छा बनना बहुत बुरा है
जीवन के समरांगण में।।
क्षमा करों शकुनी के सालों
मै जीत न पाया प्रांगण में
मै स्वयं, स्वयं का अपराधी
क्यूं देख न पाया दर्पण में
अच्छा बनना बहुत बुरा है
जीवन के समरांगण में।।
– पर्वत सिंह राजपूत